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प्रात :स्मरणीय मंत्र.

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प्रात:स्मरणीय मंत्र  भारतीय संस्कृतिएक महान संस्कृति है, इसमें न केवल जन्म से मृत्यु तक बल्कि दिन के प्रारम्भ से लेकर अंत तक की भी, महत्वपूर्ण एवं सुन्दर प्रार्थनाओं का समावेश किया गया है। मैं इनमें से दिन के प्रारम्भ की प्रार्थनों को आपके सम्मुख लेकर आया हूं, इस आशा के साथ कि ये प्रार्थनाएं निश्चित ही आपकी शारीरिक-मानसिक-धार्मिक उन्नति में सहायक होगी। प्रातःकाल उठतेे ही अपने दोनों हाथों को आपस में रगड़े तत्पश्चात अपने हाथों का दर्शन करते हुए, निम्न श्लोक को दोहरायें- लक्ष्मी-सरस्वती-भगवान नारायण प्रार्थना मन्त्र- काराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्।।1।। हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी, मध्य भाग में सरस्वती तथा हाथ के मूल भाग में भगवान नारायण निवास करते हैं। अतः प्रातःकाल अपने हाथों का दर्शन करते हुए अपने दिन को शुभ बनायें।  बिस्तर छोड़ने के बाद धरती पर पैर रखने से पहले निम्न श्लोक को दोहराये- मातृभूमि प्रार्थना मन्त्र- समुन्द्रवसने   देवि!       पर्वतस्तनमण्डले। विष्णुपत्नि!नमस्तुभ्यंपादस्पर्शं क्षमस्व मे।।2।। हे! मातृभूमि! दे