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मई, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सद्व्यवहार एक अचूक अस्त्र

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| सद्व्यहार एक अचूक अस्त्र | एक राजा ने एक दिन स्वप्न देखा कि कोई परोपकारी साधु उससे कह रहा है कि बेटा! कल रात को तुझे एक विषैला सर्प काटेगा और उसके काटने से तेरी मृत्यु हो जायेग...

सफलता के सुत्र

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*सफल जीवन* *के* *सूत्र* ✍1. *जीवन* जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था। अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ। ✍2. *कठिनाइ...

।मां के लिए।

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।मां के लिए। क्या क्या न कहॉ जमाने ने मां के लिए। मेने जब शब्दकोश मे देखा तो वहॉ कुछ भी न मिला मां के लिए।। मनोभॉव मे मेरे इतना कुछ था मां के लिए। कि मे जुबां से कुछ भी न कह सका मां के लिए।। जो थे सृष्टी के पालक वो  भगवान भी बालक हो गए मां के लिए। मेरी क्या औकात की में कुछ भी कर पाऊ मां के लिए।। कदमो मे उसके में सर भी रख दु तो भी कम होगा मां के लिए। अमानत ही है यह जीवन उसका, अगर में मीट भी जाऊँ  तो भी फक्र होगा मुझे मेरी मांं के लिए।। स्व रचना:- च़तरसिह गेहलोत Chtarsingg@gmail.com 9424540421