नवदुर्गा पूजा में भारतीय संस्कृति के दर्शन

नवदुर्गा पूजा में 
भारतीय संस्कृति के साक्षात्कार

नवरात्रि के पावन पर्व में हर कोई रंगता हुआ नजर आ रहा है। ना सिर्फ आम इंसान बल्कि हमारे जनजाति बंधु भी इस उत्सव को खास रुप से मनाते है। नवरात्रि में सारा वातावरण भक्ति के रंग में रंगता हुआ नजर आ ही जाता है। नवरात्रि के उत्सव के दौरान हर व्यक्ति कई तरह के पूजा पाठों और विधि विधानों का पालन करता है जो उसके जीवन में बहुत बड़ा महत्व रखते है। पर क्या आप जानते है कि नवरात्रि के इस पावन पर्व को मनाने कि वजह आखिर है क्या।
नवरात्रि का पावन पर्व हमारी हिन्दू संस्कृति में एक विशेष महत्व रखता है। जो बुराई पर अच्छाई कि विजय समझा जाता है। दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है।
*अत: दुर्गा पूजा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय के रूप में भी माना गया है। इसमें छ: दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्ठमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।

यह हमारी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह परम्परा अनुसार चलने वाला पर्व है जो भारतीय संस्कृति में एक विशेष महत्व रखता है। विभिन्न प्रकार के रीति-रिवाजों, जैसे उपवास, दावत, पूजा आदि को पूरे दस दिनों के त्योहार के दौरान निभाया जाता है। और अन्तिम चार दिन बाद मूर्ति विसर्जन और कन्या पूजन करते है। दुर्गा पूजा के उत्सव को लेकर बात करें तो यह त्यौहार हिन्दू संस्कृति में एक विशेष महत्व रखता है। जिसमे सभी भारतीय जाति, जनजाति के बंधु भी रंगते हुए नजर आ जाते है।*
*नवरात्री या दुर्गा पूजा का त्योहार बहुत अधिक महत्व रखता है। नवरात्री का अर्थ नौ रात होता है। दसवां दिन विजयदशमी या दशहरा के नाम से जाना जाता है। यह वह दिन होता है, जिस दिन देवी दुर्गा ने राक्षस के ऊपर नौ दिनों और नौ रात के युद्ध के बाद विजय प्राप्त की थी। लोगों द्वारा देवी दुर्गा की पूजा ताकत और आशीर्वाद पाने के लिए की जाती है।नवरात्रि के पर्व में कठोर उपवास और भक्ति से माता अपने भक्तों में नकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक विचारों को हटाने के साथ ही शान्तिपूर्ण जीवन देने में मदद करती है।

साभार:-
    मनीष खेड़े आचार्य
🚩९९८१६३६३६१🚩
   सिलावद बड़वानी
वर्तमान निवास मण्डलेश्वर महेश्वर खरगोन ।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन मे कुछ करना है तो..

प्रात :स्मरणीय मंत्र.

शायरी