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नवंबर, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्राचीन भारत का खजाना

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प्राचीन भारत की 10 रहस्यमयी किताबें, जानिए.. हम यहां, पुराण, मनु स्मृति, पंचतंत्र, जातक कथाएं, सिंहासन बत्तीसी, हितोपदेश, कथासरित्सागर, तेनालीराम की कहानियां, शुकसप्तति, कामसू...

मन के लड्डु

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🐇कल्पना के लड्डू🐰 किसी गाँव में एक पंडित रहता था। उसने दान का आटा लेकर धीरे-धीरे एक बड़ा मटका भरकर अपने पास रख लिया। वह उस मटके की ओर हर सुबह उठकर सोचता और कहता, यदि कभी अकाल पड़ ...

यह आदते सुधारे.

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यह   आदतें आपको कर देंगी बर्बाद...🌸 * थूकना :🌺    अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है कि आपको यश, मान-सम्मान, अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो यह कभी टिकेगा नहीं। आप ...

जब क्रोध आ जाए

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बुद्ध जब वृद्ध हो गए थे, तब की बात है। एक दोपहर वे वन में एक वृक्ष तले विश्राम के लिए रुके थे। उन्हें प्यास लगी तो उनका शिष्य पास के पहाड़ी झरने पर पानी लेने गया । झरने का पानी गन...

जय नानक देव

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गुरु नानक का प्रकाशोत्‍सव और परंपरा गुरु नानक जयंती के दिन प्रभात बेला में क्या करें : - * गुरु नानकदेवजी के प्रकाशोत्सव पर सर्वप्रथम प्रातःकाल स्नानादि करके पांच वाणी का '...

जयश्रीराम

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अहं के विसर्जन से ही जीवन सार्थक              एक प्रेरक प्रसंग दुनिया में व्यर्थ सिर्फ अहंकार ही होता है इससे मिलता तो कुछ नहीँ बल्कि जो है, उसे भी नष्ट कर देता है। इससे यथास...

कम्प्युटर हार्डवेयर मे करियर

भारत ‍सहित पूरी दुनिया में कम्प्यूटर का उपयोग हर क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन दिन बढ़ता जा रहा है। मानव द्वारा किए जाने वाले कार्य अब कम्प्यूटर करने लगे हैं। चाहे सार्वजनिक ...

योग भगाऐ रोग

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सुविचार

सुप्रभातम जयश्रीराम मित्रों किताबों में इतना खजाना छुपा हैं, जितना कोई लुटेरा कभी लूट नहीं सकता |

मलेरिया बुखार लक्षण ओर आयुर्वेदीक उपचार

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🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 बारिश होने के बाद कई तरह की संक्रामक बीमारियां फैलने लगती है। उनमे से एक है मलेरिया। बारिश के जमे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से मलेरिया होता है। मल...

सुविचार

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ज्ञानी वह है, जो वर्तमान को ठीक प्रकार समझे और परिस्थिति के अनुसार आचरण करे ।

खुद से मुकाबला " प्रेरक प्रसंग "

अर्जुन कक्षा के उन चुनिंदा बच्चों में था, जो पहले, दूसरे या तीसरे स्थान पर आते थे। उसमें और बाकी तीन-चार बच्चों में ही मुख्य प्रतिस्पर्धा होती थी । अर्जुन पढाई में तो अच्छा कर रहा था, लेकिन घर आकर वह परेशान रहता था । एक दिन उसके दादाजी' ने उसे बैठाकर उसकी परेशानी की वजह जाननी चाही। तब उसने कहा- दादाजी, मैं नंबर तो अच्छे ले आता हूँ लेकिन मुझे यह देखते रहना पड़ता है कि साथ का बच्चा किस सब्जेक्ट में कहां आगे निकल रहा है? मैं इसी सब में उलझा रह जाता हू। एक तरह से मैं अपनी मर्जी से नहीं, सामने वाले की रणनीति को तोड़ने के लिए पढ़ाई कर रहा हूँ। तब दादाजी ने कहा- बेटा, तुम अपना मुकाबला खुद से रखो । तुम्हें कल आज से ज्यादा आना चाहिए ,यही मूल मंत्र है। अपने सामने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का लक्ष्य रखोगे तो किसी की ओर देखने की जरूरत नहीं रहेगी। अर्जुन को बात समझ आ गई थी।