मलेरिया बुखार लक्षण ओर आयुर्वेदीक उपचार


🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸

बारिश होने के बाद कई तरह की संक्रामक बीमारियां फैलने लगती है। उनमे से एक है मलेरिया। बारिश के जमे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से मलेरिया होता है। मलेरिया का सही समय पर उपचार कराना जरूरी है। आइये जानते हैं मलेरिया रोग के लक्षण और उनका आयुवेर्दिक उपचार :

मलेरिया के लक्षण


मलेरिया का सबसे पहला लक्षण है रोगी को सर्दी लगने लगती है और शरीर कांपने लगता है। दूसरा लक्षण है सर्दी के साथ प्यास लगना, उल्टी होना, हाथ पैरों पर ठंड लगना और बेचैनी होना आदि। मलेरिया रोग में रोगी को कब्ज, घबराहट और बेचैनी आदि आने लगती है।

खून की जांच
बुखार किसी भी तरह का हो वो मलेरिया हो सकता है। एैसे में तुरंत खून की जांच करवानी जरूरी है। ताकि समय रहते उपचार मिल सके।

आयुवेर्दिक उपचार
1. सुबह-सुबह खाली पेट तुलसी के 4 से 5 पत्तों को अच्छि तरह से चबाकर खाएं। थोड़े ही दिनों में मलेरिया का बुखार उतर जाएगा।

2. मलेरिया को जल्द ठीक करने के लिए 10 ग्राम पानी उबालें और उसमें 2 ग्राम हींग डालकर उसका लेप बनाएं। अब इस लेप को हाथ और पैरों के नाखूनों पर लगाएं। 4 दिनों तक एैसा करने से रोगी जल्दी ठीक हो जाता है।

3. बार-बार मलेरिया के बुखार आने पर नियमित छांछ का सेवन करते रहें।

4. मलेरिया का बुखार आने पर खाने वाले नमक की 5 चम्मच को तवे पर तब तक सेकें जब तक उसका रंग भूरा न हो जाए। फिर उस भूरे नमक की 1 चम्मच को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से मलेरिया का बुखार खत्म हो जाता है।

5. मलेरिया होने पर सेब का सेवन अधिक से अधिक करें। सेब खाने से बुखार जल्द ही उतर जाता है।

6. सौंठ और पिसा धनिया को बराबर मात्रा में मिला कर चूर्ण बनाएं और इसे पानी के साथ दिन में 3 बारी लें।

7. नींबू का पानी या नींबू की शिकंजी का सेवन करने से मलेरिया का बुखार उतर जाता है।

8. पिसी हुई काली मिर्च और नमक को नींबू में लगाकर मलेरिया के रोगी को चूसने को दें। एैसा करने स बुखार की गर्मी उतर जाती है। दिन में 2 बार इसका सेवन करें। यह मलेरिया के रोग को जल्द ठीक करता है।

9. 5 काली मिर्च और 50 ग्राम नीम की पत्तियों को बारीक पीस लें और इसे एक कप में छानकर थोड़ा-थोड़ा रोगी को दें। एैसा करने से मलेरिया जड़ से खत्म हो जाता है।

10. अमरूद का ज्यादा से ज्यादा सेवन करने से भी मलेरिया की बीमारी दूर होती है।

11- एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद, आधा चम्मच काली मिर्च और एक चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाकर उबालें और उसे ठंडा होने पर पीयें। यह बुखार से राहत देती है।

12- मलेरिया के बुखार होने पर प्याज का रस बेहद फायदेमंद होता है। 4 काली मिर्च का पाउडर, 4 मिली प्याज का रस मिलाकर दिन में 3 बारी पीएं।

13-लहसुन की 4 कलियों को छीलकर घी में मिला लें और इसका सेवन करें। एैसा करने से मलेरिया की ठंड उतर जाती है।

14- प्याज के रस में एक चुटकी कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीते रहने से भी मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।

15- 1 चम्मच लहसुन के रस में 1 चम्मच तिल का तेल को मिलाकर हाथ पैरों के नाखूनों पर लगाएं।

मलेरिया रोग में इन आयुवेर्दिक उपायों को करने से लाभ मिलता है। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान इस बात पर देना जरूरी है कि बारिश के पानी को अपने आस-पास जमा न होने दें। मलेरिया के अलावा और भी कई बीमारियां इस जमे पानी से हो सकती हैं। इसलिए साफ सफाई का ध्यान जरूर देना चाहिए।
सकंलन:-
चतरसिंह गेहलोत🌸🌸

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन मे कुछ करना है तो..

प्रात :स्मरणीय मंत्र.

शायरी